बिग ब्रेकिंग- पीएम नरेंद्र मोदी की कविता सुनने के बाद हरीश रावत भी बने कवि और लिख डाली मोदी पर कविता- आप भी पढ़िए

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प्रधानमंत्री जी आये, जुमलों की बरसात कर गये। एक कविता भी उन्होंने सुनाई। मेरे मन में भी कुछ भाव उपजे, प्रधानमंत्री जी कहते हैं,

जब-जब मैं आता हूंँ, उत्तराखंड तेरे गीत गाता हूँ,
कभी केदार का नाम लेकर, कभी गंगा का नाम लेकर,
मैं उत्तराखंड वादियों को बहलाता हूं,
उत्तराखंड वासियों को कुछ झूठ-मूट कुछ कहकर बहलाता हूं।
मैं जब-जब आता हूं, उत्तराखंड मैं तेरे गीत तुझको ही सुनाता हूं,
दूसरों ने गुफा बनाई, उस तप कर उसको अपना बताता हूंँ।।
ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर भी अपना नाम खुदवाता हूंँ।
मंजूर चाहे वो कभी हुई हो, मैं प्रधानमंत्री हूं, मैं उसको अपना बताता हूँ,
कुछ दे सकूं- न दे सकूं, मैं डबल इंजन का नाम लेकर मैं तुम्हारे वोटों को समेटने का काम करता हूं,
जब डबल इंजन कुछ काम न कर पाए तो मुख्यमंत्री बदलकर मैं लोगों का ध्यान भटकाता हूं,
कोरोना में कितना ही उत्तराखंड अपनों को खो गया हो,
मैं उनके नाम पर एक भी आंसू नहीं बहाता हूं, आपदा आए या कुछ आए,
मैं उसमें राजनीति ढूंढता हूंं,उत्तराखंड तुझको कुछ दूं-न दूं,
मगर अपनी बातों से मैं हमेशा तेरा मन बहलाता हूँ,
कुछ जुमले, कुछ बातें जो तुमसे जुड़ी हैं,
उनको कह-कहकर मैं तुम्हारे मन को उकसाता हूंँ,
कुछ धरती पर दिखाई दे या न दिखाई दे,
किसी ने भी कुछ किया हो, मैं उस सबको अपना बताता हूं,
रेडियो टेलीविजन अखबार पर मेरा एकाधिकार है,
जो मैं तुमको सुनाता हूं वही उनसे छपवाता हूं, उनसे आपको बतवाता हूंँ।
मैं प्रधानमंत्री हूं, जुमलों से मुझको बड़ा है प्यार और उत्तराखंड तुझको बहलाने के लिए मैं हर बार कुछ नये जुमले गढ़ कर लाता हूंँ,
मैं जब-जब उत्तराखंड आता हूं, तुमको कुछ नये गीत सुनाता हूंँ।।

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