जंगल की आग बुझाने को छात्रों के साथ निदेशक ने संभाला मोर्चा, रघुनाथ कीर्ति परिसर पहुंचीं आग से अफरातफरी, फायरब्रिगेड बुलायी

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देवप्रयाग। जंगल की आग ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर को भी चपेट में ले लिया। नृसिंहाचल पर्वत की तलहटी पर बने इस परिसर में मंगलवार दोपहर को अफरातफरी मच गयी,जब आग सौड़ गांव की ओर से होते हुए छात्रावास भवनों और स्टाफ आवास की ओर प्रचंड वेग से आने लगी। संपूर्ण परिसर में धुआं ही धुआं होने से माहौल घुटन भरा हो गया। संपत्ति के भारी नुक़सान की आशंका पर निदेशक ने फायरब्रिगेड से आग बुझाने में सहायता मांगी। अग्निशमन विभाग की गाड़ी के समय पर न पहुंचने के कारण कुछ अध्यापकों, छात्रों तथा कर्मचारियों ने स्वयं कुछ हद तक आग बुझाई ।
श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में इन दिनों वार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं। इधर, देवप्रयाग में चारों ओर जंगल में आग लगी होने से धुआं ही धुआं हो गया है। इससे वातावरण में भारी प्रदूषण हो गया है। दो-तीन दिन से परिसर के निकट आग लगी होने से परिसर प्रशासन भयभीत था। मंगलवार दोपहर को तेज हवा के साथ आग परिसर के भवनों के निकट पहुंच गयी। आग ने परिसर की बाउंड्री वाल पर लगे अनेक महंगे बल्बों और बिजली के केबल के जल जाने की आशंका है। हालांकि परिसर प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए पहले ही बिजली काट दी थी। आग के खतरे के मद्देनजर निदेशक प्रो.पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने अग्निशमन विभाग को फोन किया, परंतु वाहन समय पर नहीं पहुंच पाया। आग को छात्रावास भवनों की ओर बढ़ता देख निदेशक के मार्गदर्शन में कुछ छात्र, कर्मचारी और अध्यापक आग बुझाने पहाड़ी पर चढ़ गये। उन्होंने अग्निशमन यंत्रों की सहायता से कुछ हद तक आग पर काबू पाया और आग को भवनों की ओर बढ़ने से रोक दिया। वन विभाग के कुछ कर्मचारी भी आग बुझाने में जुट गये। काफी देर बाद फायर ब्रिगेड का वाहन पहुंचा, परंतु तब तक आग पर नियंत्रण पाया जा चुका था।
निदेशक प्रो.सुब्रह्मण्यम ने बताया की एक ओर बाउंड्री वाल न होने से आग परिसर की सीमा में प्रविष्ट हुयी। परिसर प्रशासन समय रहते सतर्क हो गया था और सावधानी बरत ली गयी थी। कुछ समय के लिए परिसर में अफरातफरी जरूर मच गयी। आग का धुआं परीक्षा कक्षों तथा आवासीय कमरों तक पहुंच गया है। निदेशक ने बताया कि बिजली के बल्बों और केबलों को कितना नुकसान पहुंचा, इसका पता लगाया जा रहा है।

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